*बैंक की मुख्य शाखा में उमड रही भीड़,सोशल डिस्टेसिंग का पालन नही,मनमानी पर उतारू कियोस्क*
*सोशल डिस्टेंस को दरकिनार कर रहे लोग
(अजीत पांडे की रिपोर्ट
छिंदवाड़ा:-वैश्विक महामारी कोरोना की जंग लगातार विश्व में चल रही है.इसके चलते देश में लाकडाउन की अवधि 3 मई तक के लिए और बढ़ा दिया गया है.इसी बीच केंद्र और राज्य सरकार किसानों,मजदूरों,पेंशनर्स व बेसहारों को राहत पहुचाने का काम कर रही है.खातो में राहत राशि पहुचाए जाने के बाद बैंको पर अधिक भार पड़ने लगा है.जहा सैंकडो की संख्या में लोग हर रोज पहुच कर सोशल डिसटेंट का मजाक बना रहे है.ऐसा ही मामला छिंदवाड़ा जिले के मोहखेड विकासखंड के ग्राम सावरीबाजार के पंजाब नेशनल बैंक में साफ दिखाई दे रहा है.देरशाम यह खबर सावरीबाजार की नायब तहसीलदार पूर्णिमा खंडाइत को लगी तो उन्होंने तत्काल सबंधित बैंक प्रबंधन अधिकारी से बात कर सोशल डिस्टेसिंग पालन किए जाने के सख्त आदेश दिए हैं.शासन ने इसी बीच ग्राहक सेवा केंद्र(कियोस्क)संचालको को गांव-गांव राहत राशि वितरण करने के निर्देश भी दिए गए है,ताकि लोगो को गांव में ही राहत राशि मिल सके.परंतु यह देखने को मिल रहा है कि शासन द्वारा निर्धारित गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने कियोस्क बैंक संचालक आनाकानी कर व्यवस्था बिगाड़ने का काम कर रहे है.
*गांव के नाम से स्वीकृत ग्राहक सेवा केंद्र और संचालन कस्बे में*
ऐसे में जब केंद्र और राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत आम लोगो को राहत राशि उनके खातो में पहुचाने का काम कर रही है.चाहे वो उज्जवला योजना, किसान सम्मान निधि,निराश्रित व विधवा पेंशन,संबल योजना आदि है.किंतु किंतु बड़े कस्बो में इन दिनो आधा दर्जन से अधिक ग्राहक सेवा केंद्र(कियोस्क) बैंक संचालित है,जिनको गांव के नाम स्वीकृति मिली हुई है और इन्हें गांव में ही बैंक संचालित करने के निर्देश भी है.पंरतु इन केंद्रों का संचालन बड़े ही कस्बो में हो रहा है.अब जब लोगो को उसके खातो में आई राहत राशि गांव में नही उपलब्ध होगी तो वह कस्बे की ओर आएगा और जब समूचे इलाके के लोग एक जगह इकट्ठे होंगे तो भीड़ का होना निश्चित है.यही नही कस्बे में संचालित कई ग्राहक सेवा केंद्र संचालक आज भी अपना सेंटर बंद कर घर में पड़े है.जिससे बैंको की मुख्य शाखाओं में भीड़ की मार ज्यादा पड़ रही है.
*कियोस्क संचालक पैसे आहरण और जमा करने में उपभोक्ता से काट रहे चांदी*
ग्रामीण अंचलो में संचालित कियोस्क संचालको द्वारा उपभोक्ताओं के पैसे निकालने एंव जमा करने के नाम अतिरिक्त राशि भी देनी पड़ती है.जैसे 500 रूपये 20 रूपये है.इसी तरह अन्य बड़ी रकम मे दर बढ़ाकर शुल्क वसुला जाता है.यह सिलसिला विगत सालो से चलता आ रहा है।मजबूरीवश भी उपभोक्ताओं को यह शुल्क देकर राशि आहरण एंव जमा करवाते है।