नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का विवादित बयान अधिकारी तो वेश्या की तरह कपड़े बदलते हैं सरकार बदलते चोला




 






भार्गव बोले- अधिकारी तो वैश्या की तरह कपड़े बदलते है, सरकार बदलते ही चोला बदल लेते है






नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का विवादित बयान






 











भोपाल। Dainik Agni masala ही में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण पर विवादित टिप्पणी करने वाले विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। रतलाम में उन्होंने भाजपा विधायकों की मौजूदगी में कहा कि अधिकारी तो वैश्या की तरह कपड़े बदलते है, सरकार बदलते ही चोला बदल लेते है। रविवार को भार्गव चेतन ख्ेाल मेले में शामिल होने रतलाम पहुंचे थे। वहीं वीर सावरकर हितार्थ जनकल्याण समिति के सदस्य उनसे मिलने पहुंचे। इसी संस्था के द्वारा मलवासा के शासकीय स्कूल में बांटी गई कॉपियों पर सावरकर का जीवन परिचय और फोटो था, जिसके चलते स्कूल के प्राचार्य को निलंबित कर दिया गया।



भार्गव ने चर्चा के दौरान कहा कि निजाम बदलते वक्त नहीं लगता, अधिकारियों को यह बात समझना होगी की सरकार बदलते ही उनकी क्या दुर्गती होगी। उन्होंने कहा कि वे प्राचार्य के निलंबन के मामले को विधानसभा के आने वाले सत्र में उठाया जाएगा, वहीं इस मामले को हाईकोर्ट में भी ले जाएंगे। इस दौरान विधायक चेतन काश्यप और दिलीप मकवाना भी मौजूद थे।



कुपोषण दूर करने का बजट दलाल के साथ नेता व अधिकारी खा जाते है


खेल चेतना मेला के शुभारंभ में रविवार को सुबह नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने मंच से कुपोषण को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और अपनों को भी कटघरे में खड़ा किया। भार्गव ने कि बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए हजारों करोड़ रुपए का बजट आता है, जिसे दलाल, नेता और अफसर खा जाते है। ये काम अभी से नहीं काफी लंबे समय से चल रहा है। हजारों करोड़ रुपए का इसका बजट है लेकिन सरकार किस तरह से कर रही है आप देख रहे है।

आज भी मप्र कुपोषण के मामले में अव्वल है, हिंदुस्तान में ये सारा बजट नीचे दलाल खा जाते है। मैं किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहता हूं लेकिन मैं मानता हूं कि बच्चों के आहार को जो नेता खाएगा, जो अधिकारी खाएगा वे कभी भी आनंद और सूख के साथ नहीं रह पाएगा। उसे बच्चों व उनके परिजनों की हाय लगेगी। कुपोषण सिर्फ सरकार के दम पर दूर नहीं हो सकता है क्योंकि सरकार इतनी व्यवस्था और आर्थिक प्रबंध नहीं कर पाती है, इसलिए प्रत्येक विधानसभा में विधायकों को रतलाम शहर विधायक चेतन्य काश्यप की तरह काम करना चाहिए।