पत्नी और बहू को घर छोड़कर जाने से रोकने को टीचर ने उठाया ये खौफनाक कदम


 



 







 














 



(आनंद पांचाल)




पत्नी और बहू की हत्या के आरोपी सतीश चौधरी का गुस्सा पत्नी और बहू के घर छोड़कर गुरुग्राम में बसने की बात पर भड़क गया। पत्नी और बहू को रोकने के लिए उसने उनकी जान ही ले ली।


दरअसल, शादी के समय प्रज्ञा इंडिगो एयरलाइंस में एयरहोस्टेस थी। मगर जब वह पहली बार गर्भवती हुई तो उसने नौकरी छोड़ दी। इस बात पर आरोपी उससे झगड़ा करता था। चार माह पहले ही प्रज्ञा ने दोबारा इंडिगो में नौकरी ज्वाइंन की थी। मगर रोहिणी से एयरपोर्ट दूर पड़ता था। यह बात उसने गौरव को बताई, जिसके बाद गौरव भारत आया। गौरव ने एयरपोर्ट के पास गुरुग्राम में किराए का मकान ले लिया, जहां उसकी मां, पत्नी और दोनों बच्चों को रहना था।स्नेहलता और प्रज्ञा दोनों सतीश के व्यवहार से परेशान थीं, जिस कारण वे गुरुग्राम जाना चाहती थीं।


सास और बहू सोती थीं एक कमरे में, ससुर को था अवैध संबंध का शक और फिर..




पहले भी झगड़ा हुआ : एक माह पहले गौरव सिंगापुर लौट गया था। इसके बाद आरोपी सतीश बहू व पत्नी पर गहने और नकदी उसे देने का दबाव बना रहा था। इसे लेकर उसका 30 नवंबर और 1 दिसंबर को दोनों से झगड़ा हुआ। सौरव ने दिल्ली आकर तीनों का झगड़ा खत्म करा दिया था। आरोपी बेटों और बहू का वेतन भी अपने पास रखता था।



प्रज्ञा के गर्भवती होने पर शक गहराया : आरोपी सतीश प्रज्ञा पर शक करता था। एक साल पहले प्रज्ञा डेंटिस्ट के पास गई थी, जहां से आने में उसे देर हो गई।घर लौटने पर आरोपी ने उसे धमकाया।वह बहू को कार में लेकर दंत चिकित्सक के पास यह पूछने गया कि वह वहां गई थी या नहीं। अब भी बहू के गर्भवती होने पर उसका शक गहरा गया था।उसे लगता था कि यह बच्चा गौरव का नहीं है, क्योंकि वह सिंगापुर में है।


प्रेम विवाह किया था


परिजनों ने बताया कि गौरव और प्रज्ञा की जान पहचान मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए हुई थी। दोनों ने वर्ष 2013 में शादी कर ली। तीन साल पहले गौरव की नौकरी सिंगापुर में लग गई। सिंगापुर जाने के बाद गौरव ने प्रज्ञा और अपनी बेटी को भी वहां बुलाया लिया था। प्रज्ञा एक वर्ष वहां रही और फिर भारत आ गई।


गुनाह का पछतावा नहीं


आरोपी को अपने किए गुनाह पर कोई पछतावा नहीं है। आरोपी ने पुलिस के सामने दिए बयान में यह स्वीकार किया है कि उसने सोच-समझकर यह कदम उठाया है।


अवैध संबंध के शक में बुजुर्ग टीचर ने पत्नी और बहू को मार डाला


नई दिल्ली (व. सं.) | दिल्ली के विजय विहार में शुक्रवार सुबह करीब 5.10 बजे बुजुर्ग ने अवैध संबंध के शक में अपनी पत्नी और बहू की चाकू से गोदकर हत्या कर दी। मृतकों में 62 वर्षीय स्नेहलता चौधरी और 35 वर्षीय एयरहोस्टेस प्रज्ञा चौधरी शामिल हैं। 64 वर्षीय आरोपी सतीश चौधरी ने स्नेहलता और प्रज्ञा पर चाकू से सात बार किए और बाद में उनका गला रेत दिया। आरोपी के बेटे सौरव चौधरी ने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने आरोपी को घर से ही गिरफ्तार कर लिया है।


आरोपी सतीश ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसकी पत्नी और बहू एक ही कमरे में सोती थीं। उसे शक था कि दोनों के किसी के साथ अवैध संबंध हैं। दोनों दिल्ली से घर शिफ्ट कर शुक्रवार को ही गुरुग्राम जाने वाले थे, जिसके चलते वह परेशान था। उसे लगता था कि गुरुग्राम में वह उन पर नजर नहीं रख सकेगा और दोनों अपनी मनमानी करेंगी, जिससे उसकी बेइज्जती होगी।


पुलिस उपायुक्त एसडी मिश्रा ने बताया कि सतीश चौधरी बी-6 रोहिणी सेक्टर-4 में रहते हैं। उनके परिवार में पत्नी स्नेहलता चौधरी, दो बेटे गौरव व सौरव, गौरव की पत्नी प्रज्ञा और दो बच्चे शामिल हैं। स्नेहलता डीडीए से सेवानिवृत्त थीं। गौरव सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और सिंगापुर में रहता है। सौरव बेंगलुरू में रहता है। वह 2 दिसंबर से दिल्ली आया हुआ था। प्रज्ञा इंडिगो एयरलाइंस में एयरहोस्टेस थी।


शुक्रवार सुबह पुलिस को सौरव ने घटना की जानकारी दी। पुलिस ने घायल हालत में प्रज्ञा और स्नेहलता को अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने प्रज्ञा को मृत घोषित कर दिया, जबकि स्नेहलता की उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी सतीश को गिरफ्तार कर लिया है। वह अपने ही घर में परिवार से दूरी बनाकर रहता था।


बेटे से बोली, बहू को बचा लो 
पुलिस को सौरव ने बताया कि वह ड्राइंग रूम में सो रहा था। मां की चीख सुनकर उसकी नींद खुली। उसके कमरे का गेट बाहर से बंद था। मां ने किसी तरह गेट खोला और चिल्लाने लगी कि प्रज्ञा को बचा लो। मां के हाथ में उसका एक वर्षीय भतीजा भी था, जो खून से लथपथ था। उसने पहले दोनों बच्चों को पड़ोसी को दिया और फिर पिता को काबू किया। इस दौरान सौरव के हाथ में चाकू से चोट लग गई। इसके बावजूद उसने अपने पिता को धक्का देकर काबू कर लिया।


सोते समय गोद दिया 
शुक्रवार सुबह जब सास-बहू सोई हुई थीं तो आरोपी ने अपने बेटे के कमरे का गेट बाहर से बंद कर दिया। उसके बाद वह प्रज्ञा के कमरे में पहुंचा। आरोपी ने प्रज्ञा पर चाकू से ताबड़तोड़ वार किए। बीच-बचाव के लिए आई स्नेहलता को भी उसने चाकू से गोद दिया। शोर सुनकर सौरव उठा और गेट पीटने लगा। स्नेहलता ने घायल अवस्था में बेटे के कमरे का गेट खोला तो सौरव ने पिता को पकड़ लिया। इसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी