मुशर्रफ फांसी से पहले मर जाए तो उसके शव को तीन दिन तक डी चौक पर लटकाकर रखें : पाक कोर्ट



 


 


 
 




बीमार चल पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ को देश से गद्दारी के लिए विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। पाकिस्तान की विशेष अदालत द्वारा गुरुवार को जारी अपने 167 पेज के विस्तृत फैसले में कहा गया है कि मुशर्रफ अगर फांसी की सजा से पहले मर जाता है तो उसके शव को खींचकर इस्लामाबाद के डी चौक तक ले जाया जाए और तीन दिन तक वहां लटकाकर रखा जाए।


पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार है जब किसी सैन्य शासक को देशद्रोह में फांसी की सजा सुनाई गई है। मुशर्रफ के खिलाफ दिसंबर 2013 में देशद्रोह का केस दर्ज हुआ। 31 मार्च 2014 को उन्हें हटाया गया और मुकदमा शुरू हुआ। मुशर्रफ 2016 में भागकर दुबई चले गए और फिर पाकिस्तान कभी नहीं लौटे। कोर्ट ने 167 पन्नों के आदेश में यह सुनिश्चित करने को कहा है कि हर सूरत में मुशर्रफ को पूरी सजा दी जाए।

पहरेदार भी मुशर्रफ के कृत्य में शामिल


कोर्ट ने कहा कि तत्कालीन कोर कमांड कमेटी, मुशर्रफ के पहरे में तैनात सभी वर्दीधारी अधिकारी भी उसके इस कृत्य में भागीदार माने जाएंगे। पूरे मामले में कोर्ट आरोपी मुशर्रफ को दोषी करार देता है और इन अपराधों के लिए आरोपी को अंतिम सांस तक फंदे पर लटकाया जाए। कोर्ट ने पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद छह के तहत यह सजा सुनाई है। इसके तहत, कोई व्यक्ति संविधान को कुचलने, निलंबित करने का प्रयास या बलप्रयोग संविधान के खिलाफ साजिश करता है तो वह देशद्रोह का दोषी माना जाएगा। ऐसे व्यक्ति को फांसी की सजा हो सकती है।