झूठा प्रकरण दर्ज कराने से नाराज कुमावत समाज ने भूमि देने से किया इनकारपिछले दिनों कुमावत समाज एवं मालवीय समाज के बीच भूमि को लेकर चल रही खींचतान के मामले में जिलाधीश द्वारा कुमावत समाज

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर्ताओं को दिया जा रहा है संरक्षण


झूठा प्रकरण दर्ज कराने से नाराज कुमावत समाज ने भूमि देने से किया इनकार


महिदपुर/ झारडा- पिछले दिनों कुमावत समाज एवं मालवीय समाज के बीच भूमि को लेकर चल रही खींचतान के मामले में जिलाधीश द्वारा कुमावत समाज


को विश्वास में लेकर 13 फीट भूमि सार्वजनिक रास्ते के लिए दिए जाने की सहमति देने के बाद नागुलाल मालवीय द्वारा  कुमावत समाज के प्रतिष्ठित नागरिकों के विरुद्ध थाने में झूठी एफ आई आर दर्ज कराने से नाराज समाज जनों ने अब भूमि देने से इंकार कर दिया है।


इस आशय की जानकारी कुमावत समाज के सकल पंच अंतिम कुमावत, राजमल कुमावत, रामलाल कुमावत, मांगीलाल कुमावत, ओमप्रकाश कुमावत ने लिखित आवेदन जिलाधीश शशांक मिश्र  एवं झारडा तहसीलदार राजेंद्र गुहा देकर जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि एक और प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री कमलनाथ जी द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है ।वहीं दूसरी ओर जिले में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण कर्ताओं संरक्षण देकर खुलेआम मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। समाज के सकल पंचों ने बताया कि झारडा के राजस्व रिकॉर्ड में सर्वे नंबर 711 पर 0.4 आरे भूमि कुमावत समाज के नाम से दर्ज है वही 710 सर्वे नंबर पर राजस्व रिकॉर्ड में शासकीय भूमि होकर गांव ठांव के नाम से दर्ज है लेकिन वर्ष 2007 में तत्कालीन सरपंच के द्वारा उक्त 710 सर्वे नंबर पर  स्थित 0.4 आरे भूमि अध्यक्ष मालवीय बलाई समाज के नाम पर  अवैधानिक तरीके से  पंचायत रिकॉर्ड में चढ़ा दी गई जिसका पंचायत के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है बावजूद इसके अधिकारी इस फर्जी पट्टे को खारिज नहीं करते हुए उल्टा उन्हें संरक्षण देकर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने की खुली छूट दे रहे हैं जबकि पंचायत को इतना बड़ा राजस्व का रकबा देने का भी अधिकार ही नहीं है ।लेकिन मालवीय समाज के कुछ लोग जिनमें नागुलाल मालवीय, कैलाश देवड़ा, सुभाष राठौड़, जयराम मालवीय ,नारायण देवड़ा ,रमेश चौहान सहित आठ 10 लोग इसी को लेकर  विवाद की स्थिति निर्मित कर रहे हैं तथा सोशल मीडिया पर गलत जानकारी देकर लोगों को भ्रमित कर दो समाजों के बीच वैमनस्यता फैला रहे हैं ।जबकि वहां पर न तो कबीर आश्रम था, ना कभी धर्मशाला का निर्माण किया गया था, ।


 


समाज जनों ने आरोप लगाते हुए लिखा है कि अधिकारी  राजनीतिक दबाव के चलते अतिक्रमण कर्ता को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं तथा अतिक्रमण की शिकायत करने के बाद भी उस पर  कोई रोक नहीं लगा पा रहे हैं  जबकि तहसीलदार राजेंद्र गुहा ने मौके पर पहुंचकर सात दिवस का स्थगन जारी किया है लेकिन अतिक्रमण करता जिलाधीश द्वारा  निर्माण करने की  मौखिक अनुमति  बता कर  इस स्थगन की  धज्जियां उड़ा रहे हैं  कुमावत समाज के लोगों ने बताया कि हमारी निजी पूर्वजों की जमीन का सीमांकन  किए जाने के बाद भी निर्माण करने की अनुमति देने में राजस्व अधिकारी लापरवाही बरत रहे हे जिस के चलते गांव में कभी भी दोनों समाज के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है कुमावत समाज के सकल पंचों ने प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि यदि किसी प्रकार की अनहोनी समाज के लोगों के साथ होती है तो उसकी समस्त जवाबदारी जिला प्रशासन की रहेगी क्योंकि जिलाधीश के द्वारा दोनों पक्षों के बीच में सहमति बनाकर 11 दिसंबर को हमारी निजी भूमि में से सार्वजनिक रास्ते के लिए 13 फीट जमीन कुमावत समाज के द्वारा दी जा चुकी थी लेकिन उपरोक्त लोगों द्वारा शर्तों का उल्लंघन का आंगनवाड़ी से सांस्कृतिक भवन की ओर जाने वाले रास्ते पर जबरन अतिक्रमण कर बंद कर दिया गया तथा नाले के समीप शासकीय भूमि पर पक्का अतिक्रमण कर लिया गया तथा हमारी भूमि पर पड़ी रेती को यह लोग उठाकर ले गए विरोध करने पर 16 दिसंबर को कुमावत समाज के प्रतिष्ठित चार लोग  जिसमें  रामलाल कुमावत ओमप्रकाश कुमावत अंतिम कुमावत  एवं किशोर कुमावत  के विरुद्ध  नागु लाल मालवीय के द्वारा  थाने में झूठी एफ आई आर दर्ज करा दी गई  जिससे कुमावत समाज में आक्रोश है इस घटना के बाद  कुमावत समाज की  अति आवश्यक बैठक  में रास्ते के लिए दी गई जमीन को अब देने इंकार कर दिया है इसी के साथ आज महिदपुर तहसीलदार सरिता लाल को कुमावत समाज ने ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही की मांग की है तथा इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी जा चुकी है  समाज जनों ने कहा है कि अब इस मामले में कुमावत समाज के  प्रदेश अध्यक्ष  के साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे।