पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के तीन जिले बनारस, गोरखपुर और प्रयागराज में 16 हजार स्मार्ट मीटर लगवाने वाले उपभोक्ताओं के यहां बिजली का बिल नहीं आ रहा है। इससे न केवल सरकार को राजस्व की क्षति हो रही है बल्कि जनता भी परेशान है कि हर महीने के बजाय अचानक से कई महीनों का बिल आएगा तो जमा करने में दिक्कत होगी। इसके लिए एमडी ने एलएंडटी कंपनी के अधिकारियों को भेलूपुर स्थित बिजली विभाग में बैठकर समस्या दूर करने को कहा है।
इसके लिए मीटर विभाग के निचले स्तर के अधिकारी से लेकर एक्सईएन तक को अपनी रिपोर्ट लगानी पड़ती है। इसके बाद पुराने मीटर की अंतिम यूनिट स्मार्ट मीटर में दर्ज की जाती है। मौके पर मीटर तो चालू हो जाता है। बिल नहीं आने पर उपभोक्ता को पता चलता है कि स्मार्ट मीटर के चलते उसका बिल नहीं आ रहा है। इसे दुरुस्त करने के लिए पुन: यही प्रक्रिया दोबारा अपनाई जाती है
दरअसल, स्मार्ट मीटर का सॉफ्टवेयर बिजली विभाग के सिस्टम पर नहीं चढ़ रहा है। जिसके चलते स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी बिल जारी नहीं हो पा रहे हैं। स्मार्ट मीटर लगाने के लिए पुराने मीटर को उपभोक्ता के घर से हटाने के साथ उसमें अंकित यूनिट को स्मार्ट मीटर में डालना पड़ता है।
इसके लिए मीटर विभाग के निचले स्तर के अधिकारी से लेकर एक्सईएन तक को अपनी रिपोर्ट लगानी पड़ती है। इसके बाद पुराने मीटर की अंतिम यूनिट स्मार्ट मीटर में दर्ज की जाती है। मौके पर मीटर तो चालू हो जाता है। बिल नहीं आने पर उपभोक्ता को पता चलता है कि स्मार्ट मीटर के चलते उसका बिल नहीं आ रहा है। इसे दुरुस्त करने के लिए पुन: यही प्रक्रिया दोबारा अपनाई जाती है