रक्षा मंत्रालय की समिति में प्रज्ञा ठाकुर, कांग्रेस बोली- गोडसे भक्तों के अच्छे दिन आ गए

 



 


 

 

भोपाल   आनंद पांचाल      से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति में बतौर सदस्य शामिल किया गया है। बता दें कि साध्वी पर मालेगांव धमाकों में शामिल होने का आरोप है। 


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति में कुल 21 सदस्य हैं जिनमें अब साध्वी प्रज्ञा का नाम भी जुड़ गया है। इस समिति के प्रमुख रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं। इस समिति में सरकार ने विपक्ष के कई नेताओं को शामिल किया है। जिसमें शरद पवार और फारूख अब्दुल्ला प्रमुख हैं।






मालेगांव धमाकों में आरोपी होने के कारण साध्वी को इस समिति में शामिल करने पर राजनीतिक माहौल गर्म होने की संभावना है। बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ने लोकसभा चुनाव में भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को हराया था। 

नाथूराम गोडसे के भक्तों के अच्छे दिन आ गए: कांग्रेस
कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट किया कि भाजपा सरकार ने राष्ट्रवाद को नया मॉडल दिया है, बम ब्लास्ट मामले में ट्रायल पर चल रहीं नेता को डिफेंस मामलों की कमेटी में शामिल किया गया। चिंता की कोई बात नहीं, भारत माता की जय। उन्होंने लिखा कि कुछ महीनों पहले पीएम ने 'मन से माफ ना करने' की बात कही थी, लेकिन अब संदेश साफ है कि नाथूराम गोडसे के भक्तों के अच्छे दिन आ गए हैं।

कांग्रेस की नासमझी का सबसे बड़ा प्रमाण: राकेश सिन्हा

भाजपा ने कांग्रेस की आपत्ति और इसे सुरक्षा बलों का अपमान बताए जाने को नासमझी का सबसे बड़ा प्रमाण करार दिया है। भाजपा प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी की नासमझी का यह सबसे बड़ा प्रमाण है। प्रज्ञा ठाकुर भोपाल से चुनाव जीतकर आई हैं। वह सांसद हैं। सांसद होने के नाते समितियों में सदस्य चुना जाना उनका अधिकार है।

नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को आरोपी बनाए जाने का हवाला देते हुए सिन्हा ने कहा, 'सांसद होने के नाते प्रज्ञा ठाकुर के वही अधिकार हैं जो सोनिया और राहुल गांधी के हैं। प्रज्ञा ठाकुर और सोनिया गांधी में अगर अंतर करेंगे तो मैं यही कह सकता हूं कि सोनिया गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में जमानत पर हैं, क्या वह सभी संसदीय समितियों से इस्तीफा देंगी।'