जम्मू-कश्मीर में जल्द खुलेगा सरकारी नौकरियों का पिटारा, एलजी ने विभागों से मांगी रिपोर्ट



 

(आनंद पांचाल)

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छी खबर है। लेफ्टिनेंट गवर्नर गिरीश चंद्र मुर्मू ने सभी विभागों से रिक्त पदों की रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 


सूत्रों के अनुसार, हजारों की संख्या में विभागों में पद रिक्त पड़े हैं। तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पचास हजार रिक्त पदों का हवाला देते हुए तीन महीनों में इन्हें भरने की बात कही थी, लेकिन राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित होने व राज्यपाल की जगह एलजी के कार्यभार संभालने के बाद पूर्व राज्यपाल की घोषणा का मामला आगे नहीं बढ़ पाया। 




नए साल 2020 में जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इससे लंबे समय से सरकारी नौकरी के निकलने की प्रतीक्षा कर रहे बेरोजगार युवाओं को बड़ी राहत मिलेगी। 
 

शिक्षित बेरोजगारों को सरकारी नौकरी मुहैया करवाना एलजी प्रशासन की मुख्य प्राथमिकता है। सरकारी विभागों में लगभग 50 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं। इस संबंध में विभिन्न विभाग रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। राज्य पुनर्गठन की प्रक्रिया के चलते रोजगार सृजन में जो बाधा आई थी, उसे दूर कर लिया जाएगा और जल्द सरकारी नौकरी के द्वार युवाओं के लिए खुल जाएंगे।- फारूक खान, उपराज्यपाल के सलाहकार




 


सरकारी आंकड़ों में दो लाख बेरोजगार 
केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में शिक्षित बेरोजगार युवाओं की संख्या करीब दो लाख तक पहुंच चुकी है। सूत्रों के अनुसार एक लाख पांच हजार के करीब युवाओं ने रोजगार व काउंसलिंग केंद्रों में पंजीकरण करवा रखा है। रोजगार केंद्रों में पंजीकरण करवाने वाले युवाओं की संख्या में जम्मू संभाग में करीब 60 हजार और कश्मीर संभाग में 45 हजार के करीब है। सबसे ज्यादा बेरोजगार युवाओं की संख्या जम्मू जिले में है। यहां पर करीब 20 हजार युवाओं ने रोजगार केंद्र में पंजीकरण करवा रखा है। हालांकि रोजगार केंद्रों में पंजीकरण करवाने वाले युवाओं के मुकाबले में शिक्षित बेरोजगार युवाओं की संख्या लगभग दोगुनी है।