हर ने सौपा हरि को सृष्टि का भार

हर ने सौपा हरि को सृष्टि का भार       
      उज्जैन । महाकालेश्‍वर मंदिर से 10 नवम्‍बर वैकुण्‍ठ चतुर्दशी रविवार को  हरि‍हर मिलन सवारी निकाली गयी। वैकुण्‍ठ चतुर्दशी पर हर (श्री महाकालेश्‍वर) श्री हरि (श्री गोपाल) को सृष्टि का भार सौपा। देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्‍णु पाताल लोक में राजा बलि के यहा विश्राम करने जाते हैं। उस समय पृथ्‍वी लोक की सत्‍ता शिव के पास होती है और वैकुण्‍ठ चतुर्दशी के दिन भगवान शिव यह सत्‍ता विष्‍णु को सौपकर कैलाश पर्वत पर लौट जाते है। इसी दिन को वैकुण्‍ठ चतुर्दशी या हरिहर मिलन कहते हैं।
      10 दिसम्‍बर को रात्रि 11 बजे भगवान श्री मनमहेश पूरे राजसी ठाट-बाट के सा‍थ पालकी में विराजित होकर  भगवान श्री गोपाल से भेंट करने निकले। सवारी श्री महाकालेश्‍वर मंदिर से महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, पटनी बाजार होते हुए गोपाल मंदिर पहुची। जहॉ पूजन के दौरान बाबा श्री महाकालेश्‍वर ने बिल्‍वपत्र की माला श्री गोपाल जी को भेंट की  एवं वैकुण्‍ठनाथ अर्थात श्री हरि तुलसी की माला बाबा श्री महा‍कालेश्‍वर को भेंट की। पूजन के बाद सवारी पुन: इसी मार्ग से श्री महाकालेश्‍वर मंदिर वापस आयी। सवारी के साथ श्री महाकालेश्वर भगवान का ध्वज, मंदिर के पुजारी/पुरोहित पर्याप्‍त संख्‍या में पुलिस बल, विशेष सशस्‍त्र बल की टुकडियॉ आदि सम्मिलित थे।