उज्ज मल्टीपर्पज परियोजना - फोटो : आनंद पांचाल
पाकिस्तान 
पर भारत रणनीतिक सर्जिकल स्ट्राइक करने की तैयारी में है। दरिया उज्ज, भीनी, नाज, सूतर, तलैन आदि नालों के संगम पंजतीर्थी में बनने वाली उज्ज मल्टीपर्पज परियोजना यह काम पूरा करेगी। उज्ज मल्टीपर्पज परियोजना के 2013-14 में बने प्लान को बदलकर अब केंद्र सरकार के निर्देश से पाकिस्तान को बहने वाले उज्ज दरिया का पानी पूरी तरह से रोकने की तैयारी है।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी उज्ज मल्टीपर्पज परियोजना का इसी साल जनवरी में शिलान्यास तय था, लेकिन पाकिस्तान की ओर व्यर्थ बहने वाले पानी को रोकने के लिए इस परियोजना का शिलान्यास टाल दिया गया था। इसके बाद से लगातार परियोजना की रिवाइज्ड डीपीआर बनाने का काम जारी है।
उज्ज दरिया पर बनने वाली जम्मू कश्मीर की पहली मल्टीपर्पज परियोजना से कंडी की सूखी जमीनों को आने वाले कुछ वर्षों में ही पानी से तर किया जा सकेगा।
इस परियोजना से सिंचाई और पेयजल दोनों की आपूर्ति हो सकेगी। उज्ज मल्टीपर्पज परियोजना से सांबा और कठुआ जिले के कंडी इलाकों की 24 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। पहले जहां 16 हजार हेक्टेयर की सिंचाई का प्रावधान था वहीं अब इसे आठ हजार हेक्टेयर बढ़ा दिया गया है।
बिजली उत्पादन को लेकर भी नए सुझाव से काम किया जा रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार 26 मेगावाट बिजली का अतिरिक्त उत्पादन किए जाने की योजना तैयार की जा रही है। पहले 186 मेगावाट बिजली उत्पादन होना था जिसे बढ़ाकर अब यह 212 मेगावाट किया जा रहा है।
इस परियोजना से प्रतिवर्ष होने वाले 310 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन भी बढ़ जाएगा। जलस्तर का उच्चतम स्तर 609 मीटर तय किया गया है। 34.50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में उज्ज परियोजना का जलाशय तैयार होगा। पूर्व में निधार्रित परियोजना की 5850 करोड़ की लागत भी बढ़ने जा रही है।
उज्ज मल्टीपर्पज परियोजना की रिवाइज्ड डीपीआर का काम जारी है। विभिन्न विभागों के लंबित मामलों को लेकर चर्चा की गई है। इस परियोजना को मार्च 2020 तक शुरू किए जाने की योजना है।
बाढ़ के दौरान उज्ज दरिया में पाकिस्तान की ओर बहने वाले डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी को भी डायवर्ट कर पंजाब, राजस्थान आदि राज्यों को भेजा जाएगा। यह काम मार्च 2020 से शुरू हो जाएगा। कंडी इलाके की बंजर और बारिश पर निर्भर भूमि आगामी कुछ वर्षों में हरियाली में तब्दील हो जाएगी।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी उज्ज मल्टीपर्पज परियोजना का इसी साल जनवरी में शिलान्यास तय था, लेकिन पाकिस्तान की ओर व्यर्थ बहने वाले पानी को रोकने के लिए इस परियोजना का शिलान्यास टाल दिया गया था। इसके बाद से लगातार परियोजना की रिवाइज्ड डीपीआर बनाने का काम जारी है।
उज्ज दरिया पर बनने वाली जम्मू कश्मीर की पहली मल्टीपर्पज परियोजना से कंडी की सूखी जमीनों को आने वाले कुछ वर्षों में ही पानी से तर किया जा सकेगा।
इस परियोजना से सिंचाई और पेयजल दोनों की आपूर्ति हो सकेगी। उज्ज मल्टीपर्पज परियोजना से सांबा और कठुआ जिले के कंडी इलाकों की 24 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। पहले जहां 16 हजार हेक्टेयर की सिंचाई का प्रावधान था वहीं अब इसे आठ हजार हेक्टेयर बढ़ा दिया गया है।
बिजली उत्पादन को लेकर भी नए सुझाव से काम किया जा रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार 26 मेगावाट बिजली का अतिरिक्त उत्पादन किए जाने की योजना तैयार की जा रही है। पहले 186 मेगावाट बिजली उत्पादन होना था जिसे बढ़ाकर अब यह 212 मेगावाट किया जा रहा है।
इस परियोजना से प्रतिवर्ष होने वाले 310 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन भी बढ़ जाएगा। जलस्तर का उच्चतम स्तर 609 मीटर तय किया गया है। 34.50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में उज्ज परियोजना का जलाशय तैयार होगा। पूर्व में निधार्रित परियोजना की 5850 करोड़ की लागत भी बढ़ने जा रही है।
उज्ज मल्टीपर्पज परियोजना की रिवाइज्ड डीपीआर का काम जारी है। विभिन्न विभागों के लंबित मामलों को लेकर चर्चा की गई है। इस परियोजना को मार्च 2020 तक शुरू किए जाने की योजना है।